मसूद अजह पर फिर रोड़ा अटकाएगा चीन!

मसूद अजह को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले से ठीक पहले चीन ने इसके संकेत दिए हैं कि वह एक बार फिर इसमें अड़ंगा लगा सकता है।


बीजिंग : पुलवामा हमले के लिए जिम्‍मेदार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का फैसला 24 घंटे से भी कम समय के भीतर आने की उम्‍मीद की जा रही है। इससे यह तय हो सकेगा कि यह वैश्विक संस्‍था उसे वैश्विक आतंकी घोषित करती है या नहीं। इसमें चीन की अहम भूमिका हो सकती है, जो सुरक्षा परिषद का स्‍थाई सदस्‍य है और पहले कई बार भारत की ऐसी कोशिशों में अड़चन डाल चुका है।



    ऐसे में जबकि मसूद अजहर पर सुरक्षा परिषद में 24 घंटे से भी कम समय में फैसला आना है, चीन ने इसके संकेत दिए हैं कि वह एक बार फिर इसमें अड़ंगा लगा सकता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनका देश इस मुद्दे के ऐसे समाधान के पक्ष में है, जो सभी के लिए अनुकूल हो।


 उन्‍होंने यह भी कहा कि चीन 'जिम्मेदाराना रवैया' अपनाते हुए यूएनएससी 1267 समिति के विचार-विमर्श में हिस्सा लेगा। मसूद अजहर पर चीन के रुख को स्‍पष्‍ट करते हुए कांग ने यह भी कहा कि इस संबंध में नियमों का पालन किया जाना चाहिए और ऐसा समाधान निकाला जाना चाहिए, जो सभी के लिए स्‍वीकार हो।


उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी के तौर पर प्रतिबंधित करने के मुद्दे पर आपत्ति जताने की अवधि 13 मार्च, 2019 यानी आज बुधवार को समाप्‍त है। भारतीय समयानुसार इस बारे में फैसला रात करीब 1 बजे आने की संभावना है।


1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी के तौर पर प्रतिबंधित करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के तीन सदस्‍यों फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने 27 फरवरी को प्रस्‍ताव दिया था। यहां यह भी उल्‍लेखनीय है कि चीन के उप विदेश मंत्री कॉन्‍ग शुआनयू ने भी हाल ही में पाकिस्‍तान का दौरा किया था और प्रधानमंत्री इमरान खान तथा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा व अन्‍य अधिकारियों से चर्चा भी की थी।