शनि देव जिस प्रसन्न हो जाएं उसे रंक से राजा बना देते हैं वहीं जब शनि देव नाराज हो जाएं तो राज को रंक भी बना देते हैं. जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या है उन्हें शनिवार को ये उपाय करने चाहिए. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य रुपाली सक्सेना से शनि उपाय.
21 नवंबर को शनिवार का दिन है. पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आज का दिन अति उत्तम है. पंचांग के अनुसार आज के दिन श्रवण नक्षत्र है और धु्रव योग का निर्माण हो रहा है. मकर राशि में चंद्रमा, शनि और गुरु के साथ विराजमान है. गुरु और शनि की युति बहुत ही महत्वपूर्ण है.
धनु, मकर और कुंभ राशि पर है शनि की साढ़ेसाती
शनि देव धनु, मकर और कुंभ राशि पर भारी हैं. शनि की साढ़े साती इस समय इन्हीं तीन राशियों पर चल रही है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. इसलिए इन तीन राशियों को शनिवार के दिन शनि देव की विशेष पूजा और उपाय करने चाहिए.
शनि साढ़ेसाती का फल : शनि की साढ़ेसाती कष्ट प्रदान करने वाली मानी गई है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की साढ़ेसाती जिस राशि पर आती है उस राशि के व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. समय रहते यदि शनि देव का उपाय न किया जाए तो शनि देव साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति का जीवन अस्तव्यस्त और परेशानियों से भर देते हैं.
शनि देते हैं ये परेशानियां :
रोग : शनि साढ़ेसाती के दौरान गंभीर रोग भी दे सकते हैं. ऑपरेशन की स्थिति भी पैदा करते हैं.
तलाक : शनि साढ़ेसाती के दौरान दांपत्य जीवन को भी प्रभावित करते हैं. इस दौरान तलाक की स्थिति भी उत्पन्न कर सकते हैं.
बिजनेस में हानि: शनि देव व्यापार में भी हानि प्रदान करते हैं. अचानक सहयोगियों से संबंध खराब होने लगते हैं, हर कार्य में असफलता मिलना प्रारंभ हो जाता है. विवादों में भी शनि फंसाते हैं.
शिक्षा में बाधा : शनि शिक्षा में भी बाधा पैदा करते हैं. कई बार शनि ऐसी स्थिति बना देते हैं कि विद्यार्थियों की तैयारी अच्छी होने के बाद भी परिणाम में देरी कर देते हैं.
पिता से संबंध खराब होना: शनि की अपने पिता से नहीं बनती हैं. शनि की साढ़ेसाती के दौरान शनि पिता से भी संबंध खराब करा देते हैं.
शनि उपाय : शनिवार को प्रात:काल उठकर स्नान करें. इसके बाद पूजा स्थल पर आसान लगा कर पूजा आरंभ करें. अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना अत्यंत शुभ है. आज के दिन 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त बना हुआ है. इस मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करें. हनुमान जी को फल और मिष्ठान से भोग लगाएं और पुष्प अर्पित करें. हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें. इसके बाद जरूरतमंंदों को उचित दान दें. रोगियों को फल आदि दान करें. ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है और शनि देव प्रसन्न होते हैं.