अनेकता में एकता का संदेश देती है हमारी संस्कृति: प्रो.राकेश
पूर्वांचल वि वि में बहु सांस्कृतिक समाज एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर वेबिनार का आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की ओर से बहु सांस्कृतिक समाज एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर वेबिनार का आयोजन मंगलवार को किया गया। वेबिनार की अध्यक्षता कर रहीं माननीय कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा कि किसी भी देश को मजबूत बनाने के लिए वहां के लोगों का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। नई शिक्षा नीति -2020 में इसके लिए पहल भी की गई है। इस अवसर पर भारत अध्ययन केंद्र बी एच यू वाराणसी के प्रो. राकेश उपाध्याय ने कहा कि भारतीय संस्कृति अजर-अमर और अविनाशी है |यह अपने अंदर समाज की तमाम विविधताओं को समेटे है। हमारी संस्कृत में कई ऐसे मंत्र दिए हैं जो अनेकता में एकता का संदेश देते हैं। यही संस्कृति हमारे समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
बेबिनार में विशिष्ट वक्ता के रूप में टी डी कॉलेज की प्राचार्य डॉ सरोज सिंह ने भारतीय संस्कृति में अवतारी पुरुष श्री राम और श्री कृष्ण का वर्णन करते हुए कहा कि वह मानव अवतार लेकर भगवान और महापुरुष के रूप में आवश्यकता अनुसार संदेश देते रहे। उन्होंने कहा कि हमारा ग्रामीण समाज आत्मनिर्भर था |उदारीकरण के दौर में काम पाने के लिए वह बाहर जाकर दूसरी दिशा में चला गया। आज हम उसे पुनः आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल कर सकते हैं।
वेबिनार का संचालन संयोजक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने और धन्यवाद ज्ञापन सुश्री अन्नू त्यागी ने किया। सभी अतिथियों का स्वागत एवं परिचय वेबिनार के निदेशक प्रो. अजय प्रताप सिंह ने किया इस अवसर पर डॉ मनोज पांडेय, डॉ राज कुमार, डॉ सुनील कुमार, डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह , डॉ वंदना राय, डॉ विद्युत मल , डॉ माया सिंह, डॉ प्रणय कुमार त्रिपाठी , प्रो देवराज , डॉ मनोज मिश्रा आदि लोगों ने प्रतिभाग किया |
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की ओर से बहु सांस्कृतिक समाज एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर वेबिनार का आयोजन मंगलवार को किया गया। वेबिनार की अध्यक्षता कर रहीं माननीय कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा कि किसी भी देश को मजबूत बनाने के लिए वहां के लोगों का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। नई शिक्षा नीति -2020 में इसके लिए पहल भी की गई है। इस अवसर पर भारत अध्ययन केंद्र बी एच यू वाराणसी के प्रो. राकेश उपाध्याय ने कहा कि भारतीय संस्कृति अजर-अमर और अविनाशी है |यह अपने अंदर समाज की तमाम विविधताओं को समेटे है। हमारी संस्कृत में कई ऐसे मंत्र दिए हैं जो अनेकता में एकता का संदेश देते हैं। यही संस्कृति हमारे समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
बेबिनार में विशिष्ट वक्ता के रूप में टी डी कॉलेज की प्राचार्य डॉ सरोज सिंह ने भारतीय संस्कृति में अवतारी पुरुष श्री राम और श्री कृष्ण का वर्णन करते हुए कहा कि वह मानव अवतार लेकर भगवान और महापुरुष के रूप में आवश्यकता अनुसार संदेश देते रहे। उन्होंने कहा कि हमारा ग्रामीण समाज आत्मनिर्भर था |उदारीकरण के दौर में काम पाने के लिए वह बाहर जाकर दूसरी दिशा में चला गया। आज हम उसे पुनः आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल कर सकते हैं।
वेबिनार का संचालन संयोजक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने और धन्यवाद ज्ञापन सुश्री अन्नू त्यागी ने किया। सभी अतिथियों का स्वागत एवं परिचय वेबिनार के निदेशक प्रो. अजय प्रताप सिंह ने किया इस अवसर पर डॉ मनोज पांडेय, डॉ राज कुमार, डॉ सुनील कुमार, डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह , डॉ वंदना राय, डॉ विद्युत मल , डॉ माया सिंह, डॉ प्रणय कुमार त्रिपाठी , प्रो देवराज , डॉ मनोज मिश्रा आदि लोगों ने प्रतिभाग किया |