सावन के तीसरे सोमवार को बाबा का अर्द्धनारीश्‍वर श्रृंगार, कई नक्षत्रों का शुभ संयोग

आज सावन का तीसरा सोमवार है जो भक्तों के लिए विशेष फलदायी है। आज के दिन कई नक्षत्रों का शुभ संयोग है। वहीं बाबा विश्‍वनाथ का अर्द्धनारीश्‍वर श्रृंगार किया गया है।



 


वाराणसी ,डॉ .नीलम सिंह । आज सावन का तीसरा सोमवार है, जो भक्तों के लिए विशेष फलदायी होता है। आज के दिन कई नक्षत्रों का शुभ संयोग है, जिससे भगवान शिव की पूजा आराधना से भक्त सारे संकट से मुक्त हो जाएंगे। डॉ . नीलम सिंह का कहना है कि आज के दिन सिद्घि करने वाला सर्वसिद्धि योग, अमृत योग, सिद्धि योग के साथ ही हरियाली और सोमवती अमावस्या के शुभ योगों के साथ पुनर्वसु नक्षत्र सावन का सोमवार और पांच ग्रह चंद्रमा, बुध, गुरु, शुक्र व शनि अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे।


     इन पांच ग्रहों के अपनी-अपनी राशियों में रहने से इस दिन पूजा आराधना करने का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। अमावस्या सूर्य और चंद्रमा के मिलन का काल है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में रहते हैं। अमावस्या तिथि का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होकर रात्रि 11 बजकर चार मिनट तक रहेगी। इस दिन शिव आराधना करने से विवाहितों का दाम्पत्य जीवन अच्छा चलता है तो अविवाहितों को योग्य वर मिलने के भी योग बनते हैं।


सावन में हर सोमवार देवाधिदेव का अलग रूप श्रृंगार


     सावन के तीसरे सोमवार को बाबा विश्वनाथ का अद्र्धनारीश्वर श्र्ंगार किया गया है। अर्द्धनारीश्‍वर स्वरूप के संबंध में मनुस्मृति के उल्लिखित वृत्तांत के अनुसार भगवान शंकर ने स्वयं को दो भाग में विभक्त किया। शिव का अद्र्धनारीश्वर स्वरूप अद्वैत भाव व्यक्त करता है। इससे पूर्व प्रथम सोमवार यानी छह जुलाई को भगवान शिव स्वयं भक्तों के कल्याणार्थ मानवाकृत रूप में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिया था। द्वितीय सोमवार यानी 13 जुलाई को भक्तों बाबा विश्वनाथ के शिव-शक्ति स्वरूप का दर्शन किए। वहीं चतुर्थ सोमवार यानी 27 जुलाई (रुद्राक्ष शृंगार) को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्र्ंगार किया जाएगा। इसमें रुद्राक्ष के दाने से बाबा की झांकी सजाई जाती है। इसे बाद में प्रसाद स्वरूप भक्तों में वितरित किया जाता है। इसके अलावा पांचवें यानी आखिरी सोमवार को बाबा विश्वनाथ का झूला शृंगार किया जाएगा। इसमें बाबा भक्तों को चांदी के झूले में सपरिवार (शिव-पार्वती व गणेश) दर्शन देते हैं। यह दृश्य अत्यंत मनोहारी होता है।


 


मंदिर में न लेकर आएं कोई भी इलेक्ट्रानिक उपकरण


   मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने श्रद्धालुओं से अपील किया है कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, पेन, घड़ी, पेनड्राइव आदि को लेकर मंदिर में न आएं। इससे दर्शन में परेशानी होगी। दूसरा मंदिर परिसर में किसी विग्रह, दीवार या रेलिंग को स्पर्श करने से बचें। छह घंटे पर होगा सैनिटाइज मंदिर परिसर को हर 6 घंटे पर सैनिटाइज किया जाएगा। आपात स्थिति के लिए चिकित्सक और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी। पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा केलिए शौचालय बनवाया गया है।