वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन ने बनारसी साड़ी के सभी कारोबार 20 जुलाई से छह अगस्त तक बंद रखने का निर्णय लिया है। महामंत्री राजन बहल ने बताया कि कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा नित्य बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में भले व्यापार में नुकसान हो लेकिन कोरोना की चेन को तोडऩे के लिए बनारसी साड़ी व्यवसाय को 15 दिन की बंदी जरूरी है। इस बीच व्यापारियों का आयकर रिटर्न भी जाना है। ऐसे में दरवाजा बंद कर वे अपने अकाउंट का काम कर सकते हैं।
कोरोना प्रभावित व्यापारियों की संख्या हुई 427
बनारस के वस्त्र उद्योग पर संकट के बादल, कारोबारियों को विदेशों से आर्डर मिलना भी बंद
बनारसी साड़ी पूरी दुनिया में अलग चमक बिखेरती है। इस पर भी चीन के कोरोना वायरस का ग्रहण लग गया है। 500 करोड़ से अधिक का बनारसी वस्त्र उद्योग का कारोबार इस समय प्रभावित है। कारोबारियों को विदेशों से आर्डर मिलने बंद हो गए हैं। चीन के रेशम से तैयार माल को भी कारोबारी उठाने के लिए तैयार नहीं हैं।
वियतनाम के सिल्क को चीन का सिल्क बताकर बेच रहे
सिल्क ट्रेड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वैभव कपूर ने बताया कि चीन में जनवरी मध्य में छुट्टियों के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा बाजार सहम गया है। इस बीच वियतनाम के रास्ते रेशम आ रहा है जिसे दक्षिण भारत के कुछ कारोबारियों ने चीन का रेशम बताकर वाराणसी के उद्यमियों को थमा दिया। वितयनाम से आने वाले घटिया स्तर के रेशम के चलते आर्डर कैंसिल होने लगे और कारोबारियों व लूम संचालकों को दोहरी मार पड़ी है।
लॉकडाउन से छूट मिलने के बाद
- 30 टन रेशम की आवक बेंगलुरू से हुई
- 15 टन रेशम की आवक वियतनाम से
- 15 टन रेशम की आवक चीन से हुई
- 3000 रुपये प्रतिकिलो बेंगलुरू का रेशम धागा
- 3200 रुपये प्रतिकिलो वियतनाम का रेशम धागा
- 3400 रुपये प्रतिकिलो चीन का रेशम धागा