संस्कृत पाठशाला गर्ल्स डिग्री कॉलेज, सदर, लखनऊ में दिनांक 5 जून 2020
को अपराह्न 4:30 पर “प्राचीन भारतीय जीवन शैली एवं वर्तमान परिदृश्य”
विषय पर एक वेबिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता डॉ0
के के पांडे, प्राचार्य, डीएवी पीजी कॉलेज, लखनऊ थे। इस कार्यक्रम की
संयोजक प्राचार्या डॉ मुक्ता छाबड़ा संरक्षक श्री विनोद सिंघल थे। इस
कार्यक्रम में 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में
मुख्य रूप से डॉ0 मालिका रंजन प्रोफेसर इतिहास विभाग बीएचयू वाराणसी, यश
चोपड़ा मैनेजिंग डायरेक्टर दुबई, शुभ्रा गुप्ता न्यू जर्सी अमेरिका,
अर्चना रोहित चंद्रा लखनऊ, डॉ0 रश्मि श्रीवास्तव, डा0 सीमा श्रीवास्तव
के अतावा डॉ0 प्रर्मिला तिवारी मनोविज्ञान विभाग महिला डि्ग्री कालेज ने
अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई! डॉ0 के के पांडे ने अपने
उद्बोधन में प्राचीन भारतीय जीवनशैली के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए
वर्तमान जीवन में उसके प्रयोग पर बल दिया तथा बताया कि आज कोरोना नामक
वायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी से बचने के लिए प्राचीन जीवन शैली किस
प्रकार उपयोगी है? “ सर्वे भवंतु सुखिन:“, “वसुधैव कुटुंबकम” तथा
“अहिंसा परमो धर्म:” की भावना से अनुप्राणित हमारी संस्कृति का चीन जैसे
देश में किंचित मात्र भी अनुसरण और अनुपालन किया होता तो संभवत आज पूरा
संसार इस भयावह महामारी से संघर्ष नहीं कर रहा होता।
“प्राचीन भारतीय जीवन शैली एवं वर्तमान परिदृश्य” विषय पर एक वेबिनार