उत्तर प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (21-27 मई, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

*उत्तर प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (21-27 मई, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह*


आइए जानते हैं 21 मई 27 मई के बीच कैसा रहेगा उत्तर प्रदेश में मौसम का हाल।


उत्तर प्रदेश में प्री-मॉनसून गतिविधियां अब हट जाएंगी तथा अगले कई दिनों तक पूरे उत्तर प्रदेश में मौसम गर्म और शुष्क बने रहने की संभावना है। मौसम साफ और शुष्क होने के साथ दिन के तापमान में वृद्धि लगातार हो सकती है। जिसके कारण उत्तर प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी जिलों में लू का प्रकोप शुरू हो सकता है। इस समय अधिकांश जगहों पर तापमान सामान्य के आसपास बने हुए हैं।


लेकिन जल्द ही लगभग सभी जिलों में पारा सामान्य से ऊपर पहुँच जाएगा। दक्षिणी भागों में प्रयागराज से लेकर चित्रकूट, बंदा, कानपुर, महोबा, झाँसी, फ़िरोज़ाबाद, आगरा, मथुरा और अलीगढ़ में 23 या 24 मई तक अधिकतम तापमान 44-45 डिग्री के करीब पहुँच सकता है जिससे इन भागों में प्रचंड गर्मी शुरू हो जाएगी।


जबकि उत्तर प्रदेश के उत्तरी जिलों में मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खेरी, गोरखपुर और वाराणसी में तापमान 41-42 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया जाएगा।
सप्ताह के आखिर में 26 और 27 मई को उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में हल्की वर्षा हो सकती है। हालांकि बारिश की मात्र उल्लेखनीय नहीं होगी और ना ही बढ़ते तापमान पर यह कोई असर डाल पाएगी।


*उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह*


मुख्यतः शुष्क और गर्म मौसम को देखते हुए किसानों को सुझा है कि सब्जियों तथा अन्य खड़ी फसलों में पर्याप्त नमी बनाए रखें। खेतो को आगामी खरीफ फसलों के लिए तैयार करें। जहां पानी की अच्छी सुविधा हो वहाँ धान की खेती से पहले हरी खाद के लिए ढैंचा की बुवाई की जा सकती है। यह मिट्टी में नाइट्रोजन को रोकने के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व भी उपलब्ध कराता है। ढैंचा की बुवाई के लिए प्रति हेक्टर 60 से 65 कि. ग्रा. बीज की आवशयकता होती है।


पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में गन्ने की फसल में फॉल आर्मी कीट का प्रकोप देखा जा रहा है, यह कीट तेज़ी से फसल को नुकसान पहुँचता है, इसलिए फसलों का नियमित निरक्षण करते रहें। प्रकोप होने पर इसके नियंत्रण के लिए मोनोक्रोटोफॉस और क्लोरपाइरीफॉस 2 से 3 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।


फेरोमोन ट्रैप का भी प्रयोग कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में 10 ट्रैप लगाना उचित होगा। गन्ने की फसल में अगर दहिया कीट (मिली-बग) का प्रकोप हो रहा हो तो इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 1 मिली प्रति 3 लीटर पानी में घोल बनाकर स्टीकर मिलाकर खड़ी फसल पर छिड़काव करें।