पेटेंट का व्यवसायिक फायदा किसानों तक पहुंचे:राजीव कपूर


जौनपुर के उत्पाद में महत्त्वपूर्ण भूमिका ‌निभाए पीयू

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के बौद्धिक सम्पदा अधिकार प्रकोष्ठ (आईपीआर सेल) द्वारा आयोजित वेबिनार के दूसरे दिन शनिवार को तीन व्याख्यान हुए । इसमें प्रथम सत्र में डॉ आयुषी झा , वैज्ञानिक टाईफैक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, ने बौद्धिक सम्पदा अधिकार के विभिन्न आयामों जैसे कॉपीराइट, पेटेंट, ज्योग्राफिकल इंडिकेटर, इंडस्ट्रियल डिजाइन, ट्रेडमार्क, एवं उसकी आवश्यकताओं  के जागरूकता पर जोर दिया |


     दूसरे सत्र में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय हरियाणा के डॉ राजीव कुमार कपूर ने पेटेंट आवेदन कि प्रक्रिया को विस्तृत रूप से बताया | उन्होंने पूर्वांचल क्षेत्र विशेषकर जौनपुर के प्रमुख उत्पादों के पेटेंट के माध्यम से पंजीकृत करके उसका व्यवसायिक फायदा आर्थिक रूप में किसानों को पहुंचाने का सुझाव दिया | डॉ कपूर ने इस कार्य को करने के लिए पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण भूमिका की भी चर्चा की | उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का आईपीआर सेल कालेज तथा विश्वविद्यालय के शोध छात्रों और शिक्षकों को पेटेंट हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है  | तीसरे सत्र में केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के डॉ सर्वेश कुमार ने जेनेटिक संवर्धित फसलों और  आईपीआर से सम्बंधित चुनौतियों पर प्रकाश डाला |
प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अपनी जिज्ञासा का निराकरण किया | डॉ राजकुमार व डॉ रामनरेश ने अतिथियों का स्वागत किया |  कार्यक्रम का संचालन डॉ नितेश जायसवाल ने किया |  वेबिनार के संयोजक डॉ मनीष कुमार गुप्ता ने विशेषज्ञों व प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा उमीद जताई कि आने वाले समय ने विश्वविद्यालय का आईपीआर सेल पेटेंट और उससे सम्बंधित क्षेत्रो में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा |
इस दौरान आईपीआर प्रकोष्ठ के सदस्य प्रो. रामनारायन, प्रो. रंजना प्रकाश, डॉ मुराद अली, डॉ सुनील कुमार, डॉ पुनीत धवन , श्री आशीष कुमार गुप्ता सभी ने ऑनलाइन ही आभार व्यक्त किए |