बलिया। जिला कारागार प्रशासन द्वारा जांच में पकड़े गये मोबाइल से नाराज कैदियों ने मंगलवार की दोपहर जमकर बवाल काटा। इस दौरान कैदियों ने जेल अस्पताल तथा कारागार में पत्थरबाजी के साथ-साथ तोड़फोड़ की। जिससे जेल चिकित्सक एवं एक डिप्टी जेलर घायल हो गए। सूचना मिलते ही कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई और लाठी चार्ज कर कैदियों को नियंत्रित किया। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही और पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ मौके पर पहुंच कैदियों से बातचीत की और उन्हें शांत कराया। घटना के आरोपी कैदियों के विरुद्ध संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।
बता दें कि सोमवार को कारागार प्रशासन द्वारा बैरकों का गहनता से निरीक्षण किया गया था। जिसमें कई कैदियों के पास से कई मोबाइल पकड़ा गया था। इसी को लेकर बंदी नाराज थे और मंगलवार को योजना बनाकर तांडव मचाना शुरू कर दिया। जब जेल के पुलिसकर्मियों व अधिकारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने ईट पत्थर चलाना शुरु कर दिया।
यहीं नहीं उन्होंने जेल अस्पताल और बैराकों में शीशे व खिड़कियां तोड़ दिया। इस दौरान चले ईट पत्थर में डिप्टी जेलर डॉक्टर विनय दुबे तथा चिकित्सक देवेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। कैदियों द्वारा अनियंत्रित बवाल होते देख जेल प्रशासन द्वारा जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल सूचना दी गई। जिसके बाद सीओ सिटी अरुण कुमार सिंह एवं अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सहित कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। इसके बाद कैदियों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर नियंत्रित किया।
तत्पश्चात कैदी जेल प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। उधर जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंच गए और कैदियों से वार्ता की। उनके द्वारा बताया गया कि हम लोगों को ठीक प्रकार से भोजन नहीं दिया जाता है। यहां की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।
यही नहीं अपने घर पर बात करने के लिए इनके द्वारा अधिक पैसे जबरिया लिए जाते हैं। जिसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जेल अधीक्षक से वार्ता की और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इस बाबत जिलाधिकारी श्री हरि प्रताप शाही ने बताया कि कैदियों ने खाने-पीने का आरोप लगाते हुए बाल काटा। यहां तक कि ईट पत्थर चलाने के साथ ही तोड़फोड़ की। जिनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जा रही है। इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा!