मदरसे ने फूंका आतंकवाद के खिलाफ बिगुल और दी शहीदों को श्रद्धांजलि
जौनपुर। पुलवामा अटैक और आतंकवाद खिलाफ जामिया हुसैनिया लाल दरवाजा पर सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया गया। मदरसे के छात्र और मौलाना ने शोकसभा के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की। साफ कहा कि आतंकवाद का इस्लाम से कोई वास्ता नहीं। इस्लाम शांति का पैगाम देता है। मुल्क के इस नाजुक हालात में हर नागरिक एक साथ खड़ा है। सरकार आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए हर ठोस कदम उठाए। जामिया के मैनेजर मैलाना सैय्यदैन अहमद ने कहा कि इस तरह की हरकत बुजदिलों की निशानी है। हम इसकी निंदा करते हैं। जो सिपाही इस हमले में शहीद हुए हैं उनको श्रद्धांजलि देते हैं। देश का हर मुसलमान शहीदों के परिवार के साथ खड़ा है।
मदरसे के नाजिम मौलाना तौफीक ने कहा कि जामिया हुसैनिया का जर्रा-जर्रा इस कायराना हमले के खिलाफ खड़ा है। बेहद दुख के साथ हम गुस्से में हैं। सरकार से मांग करते हैं कि इस हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। ईंट का जवाब पत्थर से देने का समय आ गया है। तभी शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी। प्रधानाचार्य मुफ्ती नजमुल हसन ने कहा कि जालिमाना हरकत की जांच कराई जाए। क्योंकि मुल्क का हर दुख-दर्द हमारा है। देश का नागरिक आपस में भाई हैं। आतंकवादियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हो कि दूसरे इससे सबक हासिल कर सकें। पड़ोसी मुल्कों की नापाक कोशिश दम तोड़ दे, भारत के खिलाफ साजिश रचने की कोई कोशिश न कर सके। मौलाना वसीम अहमद शेरवानी ने कहा कि ये हमला तमाम हिंदुस्तानियों के लिए बहुत बड़ा हादसा है।
सरकार इस पर ठोस कदम उठाए। खुफिया विभाग हर गतिविधि पर पारखी नजर रखे। जिससे सेना के जवानों की हिफाजत हो सके, उनकी जान व माल की सुरक्षा हो सके। उनके परिवार वालों को आंसू न बहाना पड़े, देश के लोगों से अपील है कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने वालों से दूर रहें। *सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक बातों से परहेज करें।* जलसे की शुरूआत तेलावते कुरान से कारी महमूद ने की। इसके बाद उन्होंने मुल्क आपसी भाईचारे पर नज्म पेश की। अंत में मौलाना मुख्तार ने मुल्क में अमन व सलामती की दुआ कराई।