SC/ST एक्ट में झूठी रिपोर्ट लिखने पर फंसे दारोगा, कोर्ट ने लगाया 2 लाख का जुर्माना -
दरअसल, 27 सितंबर 2018 को एक दलित महिला ने अशोक सिंह पर एफआईआर दर्ज करायी थी. महिला ने उनके खिलाफ जाति सूचक शब्दों का प्रयोग एवं बदसलूकी करने का आरोप लगाया था.
बिहार के मधुबनी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एससी-एसटी एक्ट के स्पेशल जज ने रुद्रपुर थाना प्रभारी किशोर कुणाल झा पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. जज ने झा को बेकसूर को जेल में रखने के मामले में दोषी पाया है. एससी-एसटी एक्ट के स्पेशल जज एडीजे इशरतुल्लाह ने थानेदार को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश पारित किया है. कोर्ट ने इस आदेश से एसपी को अवगत कराते हुए दरोगा किशोर कुणाल झा के वेतन से दो लाख रुपये काटने का निर्देश भी दिया है.
साथ ही एससी-एसटी एक्ट के स्पेशल जज ने दारोगा के इस कृत्य के बारे में सीनियर पुलिस अधिकारी को भी अवगत कराने को कहा है. दारोगा की लापरवाही के कारण रुद्रपुर थाना क्षेत्र के बटसार सिसौनी निवासी अशोक सिंह को बेवजह मंडल कारा में कैद रहना पड़ा था.
अशोक को 90 दिनों से अधिक जेल में रहने के बाद और उसके खिलाफ चार्जशीट नहीं आने के बाद उसके अधिवकता ने कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की. तब मामले का खुलासा हुआ. कोर्ट ने जब कार्यालय से रिपोर्ट मांगी तब पता चला कि एससी-एसटी एक्ट एवं महिला से बदसलूकी मामले में कैद अशोक सिंह निर्दोष हैं.उसे अनावश्यक जेल में कैद रखा गया है.
27 सितंबर 2018 को एक दलित महिला ने अशोक सिंह पर एफआईआर दर्ज करायी थी. महिला ने उनके खिलाफ जाति सूचक शब्दों का प्रयोग एवं बदसलूकी करने का आरोप लगाया था. पीड़िता के बयान एवं केस में नामजद होने की बुनियाद पर थानेदार ने उसी दिन अशोक को गिरफ्तार कर लिया.अगले दिन कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया.
30 नवम्बर 2018 को एसपी ने अपनी रिपोर्ट में अशोक को निर्दोष पाते हुए कोर्ट में उसकी रिहाई का आवेदन देने को कहा, लेकिन थानेदार ने नहीं दिया. लिहाजा बेकसूर शख्स को बेवजह जेल में रहना पड़ा था.