अब एक बार फिर विधायक रमाबाई ने मंत्री बनाए जाने को लेक विवादित बयान दिया है। सीएम कमलनाथ को चेतावनी देती हुईं नजर आ रही विधायक रमाबाई का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार पर लगातार मंडरा रहे खतरे के बीच मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार भी इन दिनों कुछ ऐसी ही मुश्किलों से जूझ रही है। बहुमत का आंकड़ा पाने से चूकी कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है। सरकार गठन के बाद बीएसपी विधायक रमाबाई कई बार खुले तौर पर खुद को सरकार में मंत्री बनाए जाने की मांग कर चुकी हैं।
हमने ही सरकार बनाई है' मध्य प्रदेश की पथरिया विधानसभा सीट से बीएसपी की विधायक रमाबाई ने एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हम मंत्री बन जाएं तो अच्छा काम करेंगे, नहीं बने तो भी सही काम करेंगे। हमें विधायक बनना था सो बन गए, अब सीएम चाहें तो हमें मंत्री बनाएं और ना भी बनाएं तो हम मंत्रियों के बाप हैं, हमने ही सरकार बनाई है।' आपको बता दें कि इससे पहले बीती 23 जनवरी को ही विधायक रमाबाई ने मंत्री पद की अपनी मांग दोहराते हुए कहा था कि कर्नाटक जैसी स्थिति से बचने के लिए कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों को खुश रखना चाहिए।
मध्य प्रदेश में बीएसपी के दो विधायक मध्य प्रदेश में बीएसपी, एसपी और निर्दलियों के समर्थन से कांग्रेस की सरकार बनने के बाद विधायक रमाबाई लगातार मंत्री पद की मांग कर रही हैं। हाल ही में 7 जनवरी को उन्होंने बीएसपी के दूसरे विधायक संजीव सिंह कुशवाहा के लिए कैबिनेट मंत्री और खुद के लिए राज्य मंत्री के पद की मांग की थी। मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक निर्वाचित हुए हैं। इनके अलावा समाजवादी पार्टी का एक और चार विधायक निर्दलीय चुनाव जीते हैं। विधायक रमाबाई ने इससे पहले भी कहा था कि उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर कांग्रेस को सर्मथन दिया है, लेकिन कांग्रेस अब हमारे बारे में विचार करने की बारी कांग्रेस की है।
क्या है मध्य प्रदेश की स्थिति आपको बता दें ही हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन वो बहुमत के आंकड़े यानी 116 के अंक तक नहीं पहुंची। कांग्रेस को इन चुनावों में 114 सीटें ही मिलीं। वहीं भाजपा 109 सीटों पर सिमट गई। इसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया। बीएसपी के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने इकलौते विधायक का समर्थन कांग्रेस को दे दिया। सपा-बसपा और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सरकार का गठन कर लिया।