बेंच ने कहा है कि 7 दिनों के अंदर इस पर बैठक होनी चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 फरवरी को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की रिपोर्ट हर हाल में 31 जुलाई 2019 तक पूरी हो जानी चाहिए. सुप्रीम में इसकी डेडलाइन को सितंबर तक बढ़ाने की मांग की गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे साफ मना कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एनआरसी से जुड़े सारे अधिकारी इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए प्लान बनाए. कोर्ट ने असम के चीफ सेक्रेटरी, चुनाव आयोग के सचिव और एनआरसी कॉर्डिनेटर को मीटिंग करने के लिए कहा ,है जिससे कि ये रणनीति बनाई जा सके कि आखिर कैसे एनआरसी की रिपोर्ट और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे.
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगई और जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच कर रही थी. बेंच ने कहा है कि 7 दिनों के अंदर इस पर बैठक होनी चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 फरवरी को होगी.
आपको बता दें कि राष्ट्रीय नागिरकता रजिस्टर (एनआरसी) का दूसरा मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया था. जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे. इस मसौदे में 40,70,707 लोगों के नाम नहीं थे. इनमें से 37,59,630 लोगों के नाम अस्वीकार कर दिए गए थे, जबकि 2,48,077 नाम लंबित रखे गए थे. शीर्ष अदालत ने 31 जुलाई को स्पष्ट किया था कि जिन लोगों के नाम एनआरसी के मसौदे में शामिल नहीं है, उनके खिलाफ किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि ये अभी सिर्फ मसौदा ही है.