सबूत मांगने वाले नेताओं को सैन्य अधिकारी की पत्नी का करारा जवाब

सबूत मांगने वाले नेताओं को सैन्य अधिकारी की पत्नी का करारा जवाब, लाश दिखाने पर मानेंगे कि कार्रवाई हुई


पीओके और बालाकोट में आतंकियों के खिलाफ हुई कार्रवाई के सबूत मांगे जा रहे हैं। सेना में तैनात एक अधिकारी की पत्नी ने उन नेताओं को आइना दिखाते हुए करारा जवाब दिया।


 नई दिल्ली: 14 फरवरी को पुलवामा के अवंतीपोरा में सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले के बाद देश सकते में था। आम लोग हों या खास भारत सरकार से निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी साफ कर दिया कि जो लोग इस कायराना हरकत के लिए जिम्मेदार हैं उन्होंने बड़ी भूल कर दी है। पुलवामा के गुनहगारों से बदला लिया जाएगा और इसके लिए सेना को पूरी छूट दे दी गई है। पीएम मोदी ने ये भी कहा था कि कार्रवाई का स्वरूप क्या होगा, समय क्या होगा, जगह क्या होगी इसका फैसला भारतीय फौज को करना है। 

एक एक दिन समय गुजर रहा था। भारत के सभी हिस्सों से सिर्फ एक ही आवाज थी कि अब पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक जंग की जरूरत है। वो दिन आ चुका था जिसका हर किसी को इंतजार था। पीओके और बालाकोट में 26 फरवरी को तड़के 12 मिराज-2000 विमान दाखिल हुए और आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। एक तरह से कुख्यात आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद की रीढ़ तोड़ दी। बालाकोट स्थित जैश के ठिकाने को मिट्टी में मिला दिया गया। लेकिन यहीं से राजनीति भी अपना रंग दिखाने लगी।


भारत में विपक्षी दलों की तरफ से भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के सबूत मांगे जाने लगे। कांग्रेस और टीएमसी के साथ दूसरे दलों ने भारत सरकार से पूछा कि आखिर हमले में आतंकियों के मारे जाने की संख्या क्या थी। इस विषय पर पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि बालाकोट में 300 आतंकी मारे गए थे या 300 पेड़ उखाड़े गए। सिद्धू के इस सवाल का जवाब करारे अंदाज में एक सैन्य अधिकारी की पत्नी नवनीत कौर ने दिया।


  नवनीत कौर के जवाब में उन नेताओं के लिए सवाल था कि क्या आपको भारतीय सैनिकों के शौर्य पर भरोसा नहीं हैं। नवनीत कौर ने कहा कि ये बड़े दुख की बात है कि किस तरह से इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। उन्होंने पूछा कि क्या जब भारतीय सेना आतंकियों की संख्या बताएगी तब आप उनके दावों पर भरोसा करेंगे। उन्होंने कहा कि ये अपने आप में बड़ी बात है कि भारतीय वायुसेना के विमान न केवल पीओके में दाखिल हुए बल्कि पाकिस्तान के काफी अंदर जाकर कार्रवाई को अंजाम दिया। 

क्या आप इस लिए भारतीय सेना की कार्रवाई पर भरोसा नहीं करेंगे कि सेना के पास आंकड़े नहीं है। आंकड़ों के बारे में जानकारी देना खुफिया एजेंसियों का काम है। नवनीत कौर ने कहा कि जब आप इस तरह की लड़ाई में होते हैं तो फौजियों के घर में चिंता 24 घंटों पसरी रहती है। ऐसे में इस तरह का सवाल करना सेना और सैन्य कर्मियों का अपमान है। उन्होंने कहा कि ये कहीं से उचित नहीं होगा कि राजनीतिक दल सेना की कार्रवाई पर संदेह करें।ये बेहतर होगा कि वो राजनातिक दल इस मुद्दे पर शंका जाहिर करने की जगह एक सुर में सेना की मुहिम में शामिल हों। देश को आज इकठ्ठा होने की जरूरत है।